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यूजीसी के ड्राफ्ट पाठ्यक्रम पर केरल की आपत्ति, हिंदुत्व पक्षपात का आरोप

केरल सरकार ने यूजीसी के ड्राफ्ट पाठ्यक्रम पर हिंदुत्व पक्षपात का आरोप लगाया है। नौ विषयों के प्रस्तावित सिलेबस पर अकादमिक जगत के कई वर्गों ने भी विरोध जताया।

केरल सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट पाठ्यक्रमों पर कड़ा विरोध जताया है और आरोप लगाया है कि इनमें हिंदुत्व का पक्षपात झलकता है। यूजीसी ने हाल ही में नौ स्नातक विषयों के लिए नए पाठ्यक्रम प्रस्तावित किए हैं, जिन पर शैक्षणिक समुदाय के कई वर्गों ने भी आलोचना की है।

राज्य सरकार का कहना है कि शिक्षा का स्वरूप तटस्थ और समावेशी होना चाहिए, जबकि प्रस्तावित पाठ्यक्रम में एक खास विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। केरल के उच्च शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य इस ड्राफ्ट को स्वीकार नहीं करेगा और इस पर आधिकारिक आपत्ति दर्ज कराएगा।

अकादमिक विशेषज्ञों का मानना है कि यूजीसी द्वारा प्रस्तावित बदलाव न केवल पाठ्यक्रम के अकादमिक मानकों को प्रभावित करेंगे, बल्कि छात्रों को भी एकपक्षीय दृष्टिकोण की ओर ले जा सकते हैं। आलोचकों का तर्क है कि शिक्षा का उद्देश्य बहुविचार और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना होना चाहिए, न कि किसी एक विचारधारा को थोपना।

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यूजीसी का कहना है कि नए पाठ्यक्रम का मकसद स्नातक शिक्षा को अधिक प्रासंगिक और भारतीय संस्कृति के अनुरूप बनाना है। हालांकि, विरोध करने वाले शिक्षाविदों का कहना है कि भारतीय संस्कृति की व्याख्या व्यापक और बहुआयामी होनी चाहिए, न कि किसी एक राजनीतिक विचारधारा के अनुरूप।

केरल सरकार का रुख यह संकेत देता है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और गहरा सकता है। राज्य सरकार ने कहा है कि वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष भी उठाएगी ताकि शैक्षणिक स्वतंत्रता और विविधता की रक्षा की जा सके।

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