एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति की नियुक्ति पर केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची
केरल सरकार ने एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, आरोप लगाया कि नियुक्ति राज्य सरकार की सिफारिश के बिना हुई।
केरल सरकार ने एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (APJ Abdul Kalam Technological University) के अंतरिम कुलपति की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सरकार का आरोप है कि कुलाधिपति (राज्यपाल) ने डॉ. के. शिवप्रसाद को अपनी व्यक्तिगत पसंद के आधार पर अंतरिम कुलपति नियुक्त किया, जबकि यह नियुक्ति राज्य सरकार की सिफारिश के अनुसार होनी चाहिए थी।
राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि विश्वविद्यालय अधिनियम और संबंधित नियमों के अनुसार, कुलपति या अंतरिम कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन इस मामले में राज्यपाल ने सरकार से कोई परामर्श नहीं किया और न ही किसी नाम की अनुशंसा मांगी।
याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्यपाल का यह कदम संघीय ढांचे और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता के सिद्धांत के खिलाफ है। केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह इस नियुक्ति को रद्द करे और उचित प्रक्रिया के तहत नया अंतरिम कुलपति नियुक्त करने का निर्देश दे।
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गौरतलब है कि एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जो राज्य के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में से एक है, के स्थायी कुलपति का पद खाली होने के बाद यह अंतरिम नियुक्ति की गई थी। सरकार का कहना है कि नियुक्ति की जल्दबाजी में प्रक्रिया की अनदेखी की गई, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द सुनवाई कर सकता है और फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन व राज्यपाल-सरकार के बीच संबंधों को लेकर एक अहम नजीर बन सकता है।
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