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केरल में जंगली सूअरों का बढ़ा खतरा: जुलाई तक 4,734 का किया गया शिकार

केरल में जुलाई तक 4,734 जंगली सूअरों का शिकार किया गया। सबसे अधिक पलक्कड़ में 1,457। सरकार ने यह कदम फसलों की सुरक्षा और मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए उठाया।

केरल सरकार ने राज्य में जंगली सूअरों की बढ़ती संख्या और उससे हो रहे नुकसान को देखते हुए अब तक बड़ी कार्रवाई की है। विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, जुलाई 2025 तक स्थानीय निकायों को अधिकृत कर 4,734 जंगली सूअरों को मारा गया।

वन मंत्री ने बताया कि सबसे अधिक शिकार पलक्कड़ जिले में हुआ, जहां 1,457 जंगली सूअर मारे गए। इसके बाद मलप्पुरम (826), तिरुवनंतपुरम (796) और कन्नूर (677) का स्थान रहा। यह कदम मुख्य रूप से किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान और ग्रामीण इलाकों में इंसानों पर हमलों को रोकने के लिए उठाया गया।

पिछले कुछ वर्षों में जंगली सूअरों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है। कई किसानों ने शिकायत की थी कि उनकी धान और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में इन जानवरों के हमले के कई मामले सामने आए, जिनमें इंसानों की जान तक गई।

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सरकार ने स्थानीय निकायों को कानूनी रूप से अधिकृत किया है कि वे जरूरत पड़ने पर शिकार कर सकते हैं। हालांकि, पर्यावरणविदों ने इस कदम पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि बड़े पैमाने पर शिकार से पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है और यह दीर्घकालिक समाधान नहीं है।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि फसल सुरक्षा उपाय, बेहतर बाड़बंदी और जनसंख्या नियंत्रण की वैज्ञानिक रणनीति अपनाकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए।

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