पूर्व बुकर विजेता किरण देसाई की द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी बुकर प्राइज की शॉर्टलिस्ट में
पूर्व बुकर विजेता किरण देसाई की पुस्तक 'द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी' बुकर प्राइज 2025 की शॉर्टलिस्ट में शामिल, वैश्विक साहित्य में भारतीय लेखिका की महत्वपूर्ण पहचान।
दिल्ली में जन्मी 53 वर्षीय लेखिका किरण देसाई अपनी नवीनतम पुस्तक 'द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी' के लिए बुकर प्राइज की शॉर्टलिस्ट में शामिल हुई हैं। यह उपलब्धि उनके लिए विशेष मायने रखती है, क्योंकि उन्होंने 19 साल पहले 2006 में अपनी चर्चित कृति 'द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस' के लिए बुकर प्राइज जीतकर साहित्यिक जगत में अपनी पहचान बनाई थी।
बुकर प्राइज की शॉर्टलिस्ट में इस वर्ष दुनिया भर के छह लेखक शामिल हैं, जो अपनी उत्कृष्ट कृतियों के लिए प्रतिष्ठित इस पुरस्कार की दौड़ में हैं। किरण देसाई की यह कृति उनके साहित्यिक करियर की एक नई पहचान स्थापित करती है और पाठकों के बीच उनकी लेखनी की गहराई और संवेदनशीलता को उजागर करती है।
'द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी' में देसाई ने आधुनिक समाज की जटिलताओं, संबंधों की नाजुकता और व्यक्तिगत अस्मिता की खोज को बखूबी चित्रित किया है। आलोचकों ने इस पुस्तक की भावनात्मक गहराई, चरित्र चित्रण और सामाजिक संदर्भों के बेहतरीन मिश्रण की सराहना की है।
बुकर प्राइज के लिए शॉर्टलिस्ट होने का मतलब न केवल वैश्विक मान्यता प्राप्त करना है, बल्कि यह लेखक की कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पाठक समुदाय तक पहुँचाने का अवसर भी देता है। किरण देसाई की इस उपलब्धि ने भारतीय साहित्य को भी गर्वित किया है और यह दिखाता है कि भारतीय लेखक विश्व साहित्य में लगातार महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
आखिरकार, 2025 का बुकर प्राइज विजेता चुना जाएगा, लेकिन शॉर्टलिस्ट में जगह बनाना ही किसी लेखक के लिए सम्मान की बड़ी पहचान होती है।
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