कुशाग्र आदित्य झा का फ्लश पानी से बिजली बनाने का अनोखा प्रोजेक्ट
कुशाग्र आदित्य झा ने अपने प्रोजेक्ट Hydrosan से फ्लश पानी से बिजली उत्पन्न करने का तरीका विकसित किया। इस नवाचार को ब्रिटिश साइंस एसोसिएशन का CREST गोल्ड अवार्ड मिला।
कुशाग्र आदित्य झा, एक होनहार स्कूली छात्र, ने अपने नवाचारी प्रोजेक्ट Hydrosan के माध्यम से फ्लश पानी से बिजली उत्पन्न करने का तरीका विकसित किया है। इस अनोखी पहल के लिए उन्हें ब्रिटिश साइंस एसोसिएशन द्वारा CREST गोल्ड अवार्ड से नवाज़ा गया।
Hydrosan प्रोजेक्ट का उद्देश्य घरेलू उपयोग में आने वाले फ्लश पानी को बिजली उत्पादन में उपयोग करना है। कुशाग्र ने बताया कि जब हम शौचालय का पानी फ्लश करते हैं, तो वह पानी आमतौर पर अपशिष्ट के रूप में नालियों में चला जाता है। उन्होंने इस पानी को कैप्चर करके उसमें ऊर्जा उत्पन्न करने वाली प्रणाली विकसित की, जिससे न केवल ऊर्जा उत्पादन होता है, बल्कि जल संसाधनों का भी संरक्षण होता है।
कुशाग्र ने इस प्रोजेक्ट पर काम करते हुए सोलर पावर और माइक्रो टर्बाइन तकनीक का भी उपयोग किया। उनका कहना है कि यह तकनीक स्कूल, कॉलेज और छोटे आवासीय क्षेत्रों में आसानी से लागू की जा सकती है। प्रोजेक्ट के माध्यम से ऊर्जा की बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण पर भी जोर दिया गया है।
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ब्रिटिश साइंस एसोसिएशन द्वारा CREST गोल्ड अवार्ड प्राप्त करना कुशाग्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस सम्मान ने उनके नवाचार और विज्ञान के प्रति उत्साह को बढ़ाया है। कुशाग्र ने बताया कि उनका अगला लक्ष्य इस प्रणाली को बड़े पैमाने पर लागू करना और इसे कम लागत में उपलब्ध कराना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के नवाचार न केवल छात्रों को विज्ञान और तकनीक की ओर प्रेरित करते हैं, बल्कि समाज में सतत ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी उजागर करते हैं। कुशाग्र आदित्य झा का Hydrosan प्रोजेक्ट इस दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।
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