लद्दाख शांतिपूर्ण है, एल-जी कार्यालय का दावा; LAB ने बताया भ्रम, गिरफ्तारियों पर जताई नाराजगी
एल-जी कार्यालय ने लद्दाख को शांतिपूर्ण बताया, जबकि LAB ने इसे भ्रम बताया और लगातार हो रही गिरफ्तारियों पर कड़ा विरोध जताया। लोगों की आकांक्षाओं पर संवाद की मांग उठी।
लद्दाख के उपराज्यपाल (एल-जी) कार्यालय ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि क्षेत्र में शांति बनी हुई है और प्रशासन जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) ने इस दावे को “भ्रमपूर्ण” बताते हुए प्रशासन पर लगातार गिरफ्तारियों और असहमति की आवाजों को दबाने का आरोप लगाया।
एल-जी कार्यालय ने कहा कि प्रशासन विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है और लद्दाख में सभी गतिविधियाँ सामान्य रूप से चल रही हैं। कार्यालय ने यह भी कहा कि सरकार जनता के हितों की रक्षा और क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
वहीं, LAB ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि यदि लद्दाख वास्तव में शांतिपूर्ण होता, तो क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और नेताओं की लगातार गिरफ्तारियाँ क्यों हो रहीं हैं। संगठन ने कहा कि प्रशासन लोगों की मांगों को नज़रअंदाज़ कर रहा है और लोकतांत्रिक संवाद की जगह दमन का रास्ता अपना रहा है।
इससे पहले, 4 अक्टूबर को लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोटवाल ने कहा था कि सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द ही संवाद प्रक्रिया शुरू करने के लिए इच्छुक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन लद्दाख में विकास, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर संतुलन बनाए रखने की दिशा में काम कर रहा है।
LAB ने दोहराया कि जब तक लद्दाख को राज्य का दर्जा और छहवीं अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा नहीं मिलती, तब तक उनकी आंदोलनात्मक गतिविधियाँ जारी रहेंगी। संगठन ने केंद्र सरकार से वास्तविक संवाद शुरू करने की अपील की है।
और पढ़ें: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह में कर्फ्यू जारी, सुरक्षा समीक्षा बैठक आज