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जेएनयू प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कथित बर्बरता पर वामपंथी संगठनों का आरोप, दिल्ली पुलिस ने किया खारिज

वामपंथी छात्र संगठनों ने जेएनयू प्रदर्शन में पुलिस पर महिला छात्रा के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि छात्रों ने बैरिकेड्स तोड़े और कानून तोड़ा।

वामपंथी छात्र संगठनों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हाल ही में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर कथित बर्बरता का आरोप लगाया है। इन संगठनों ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध के दौरान पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया और कई छात्रों को हिरासत में लिया। प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई और धक्का-मुक्की भी हुई।

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला छात्रा को उनके बाल खींचकर घसीटा और उनके साथ मारपीट की। SFI ने इसे “गंभीर और अमानवीय” कार्रवाई करार दिया और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की।

जेएनयू छात्र प्रदर्शन का उद्देश्य फीस वृद्धि, छात्रवृत्ति में कटौती और प्रशासनिक नीतियों के खिलाफ विरोध जताना था। प्रदर्शनकारी छात्रों ने संसद मार्ग की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगा कर उन्हें रोक दिया। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं।

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दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि छात्रों ने सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी और बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने यह भी कहा कि घायल छात्रों और पुलिसकर्मियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।

इस घटना ने देशभर में चर्चा पैदा कर दी है। विपक्षी दलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने घटना की निंदा की है और कहा कि छात्रों की आवाज को दबाने के बजाय संवाद और बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहिए।

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