कांग्रेस का आरोप — एलआईसी के 30 करोड़ पॉलिसीधारकों की बचत अदानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए दुरुपयोग की गई
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एलआईसी की ₹33,000 करोड़ की निवेश राशि अदानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए उपयोग की गई, और इस पूरे मामले की जांच संसद की लोक लेखा समिति से कराए जाने की मांग की।
कांग्रेस ने शनिवार (25 अक्टूबर 2025) को आरोप लगाया कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के 30 करोड़ पॉलिसीधारकों की बचत का “सिस्टमेटिक दुरुपयोग” अदाणी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया। पार्टी ने संसद की लोक लेखा समिति (PAC) से मांग की कि वह इस बात की जांच करे कि एलआईसी को अदाणी समूह में निवेश करने के लिए “कैसे मजबूर” किया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि मीडिया में सामने आई नई रिपोर्टें बताती हैं कि “मोदानी गठजोड़” ने एलआईसी और उसके करोड़ों निवेशकों की बचत का गलत इस्तेमाल किया। रमेश ने दावा किया कि आंतरिक दस्तावेजों से पता चलता है कि भारतीय अधिकारियों ने मई 2025 में लगभग ₹33,000 करोड़ की राशि अदानी समूह की कंपनियों में निवेश करने का प्रस्ताव तैयार कर आगे बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि यह कदम “अदानी समूह में निवेशकों का विश्वास बढ़ाने” और “अन्य निवेशकों को प्रोत्साहित करने” के उद्देश्य से उठाया गया था। रमेश ने सवाल उठाया कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों पर किसका दबाव था कि वे एक निजी कंपनी को राहत देने के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग करें।
कांग्रेस नेता ने कहा कि एलआईसी को 21 सितंबर 2024 को अदानी और सात सहयोगियों के खिलाफ अमेरिकी आरोपों के बाद सिर्फ चार घंटे के कारोबार में ₹7,850 करोड़ का नुकसान हुआ। उन्होंने दावा किया कि अदानी पर ₹2,000 करोड़ के घोटाले से जुड़े सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने का आरोप है, जबकि मोदी सरकार अमेरिकी एसईसी समन पर कार्रवाई करने से बच रही है।
रमेश ने इसे “मोदानी मेगास्कैम” बताते हुए कहा कि इसमें सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग, हवाईअड्डों और बंदरगाहों का पक्षपाती निजीकरण, और महंगे बिजली समझौते जैसे कई पहलू शामिल हैं। कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग दोहराई है।
और पढ़ें: विडंबना भरी फिजूलखर्ची : बीएमडब्ल्यू कारों की खरीद पर कांग्रेस का लोकपाल पर निशाना