क्लासीफाइड साइट्स से शुरू हुआ सफर, अब लोकांटो और स्कोक्का बने वेश्यावृत्ति और साइबर फ्रॉड के अड्डे
लोकांटो और स्कोक्का जैसी साइट्स अब वेश्यावृत्ति और साइबर फ्रॉड के अड्डे बन गई हैं। अपराधी तकनीकी खामियों और विदेशी सर्वरों का इस्तेमाल कर कानून से बच निकलते हैं।
ऑनलाइन क्लासीफाइड विज्ञापन देने के लिए शुरू हुए प्लेटफ़ॉर्म लोकांटो (Locanto) और स्कोक्का (Skokka) अब अपराधियों के लिए नए ठिकाने बन गए हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि ये वेबसाइटें संगठित वेश्यावृत्ति और साइबर फ्रॉड के केंद्र में तब्दील हो चुकी हैं।
पहले इन साइट्स पर प्रॉपर्टी, नौकरियों और सेवाओं से जुड़े सामान्य विज्ञापन प्रकाशित होते थे। लेकिन अब इन पर वयस्क सेवाओं के नाम पर वेश्यावृत्ति और धोखाधड़ी से जुड़े विज्ञापन बड़ी संख्या में डाले जा रहे हैं। जांचकर्ताओं के अनुसार, अपराधी तकनीकी खामियों और अंतरराष्ट्रीय सर्वरों का फायदा उठाकर आसानी से कानून से बच निकलते हैं।
साइबर विशेषज्ञ बताते हैं कि इन साइट्स के सर्वर अक्सर विदेशी देशों में स्थित होते हैं, जिससे भारतीय एजेंसियों के लिए इन्हें बंद करना या नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। अपराधी फर्जी आईडी, वर्चुअल नंबर और डिजिटल पेमेंट माध्यमों का उपयोग करते हैं ताकि उनकी पहचान छिपी रहे।
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जांच में यह भी सामने आया है कि इन प्लेटफ़ॉर्म्स के ज़रिए बड़े पैमाने पर ऑनलाइन ठगी की जाती है। ग्राहकों को फर्जी सेवाओं का लालच देकर एडवांस पेमेंट लिया जाता है और फिर संपर्क तोड़ दिया जाता है। कई मामलों में पीड़ितों को ब्लैकमेल भी किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की साइट्स पर नियंत्रण के लिए कड़े साइबर कानून और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की ज़रूरत है। फिलहाल, साइबर क्राइम सेल और पुलिस लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं, लेकिन अपराधियों की चालाकी और तकनीकी साधनों के कारण इन्हें पूरी तरह रोकना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
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