मंदिर-गुरुद्वारा परेड विवाद: लेफ्टिनेंट सैमुअल कमलेसन की दलीलें और सेना की प्रतिक्रियाएं
सुप्रीम कोर्ट ने लेफ्टिनेंट कमलेसन की सेवा समाप्ति बरकरार रखी। J&K में आरक्षण विवाद जारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने लेफ्टिनेंट सैमुअल कमलेसन की सेवा समाप्ति को बरकरार रखते हुए उनके खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को सही ठहराया है। कमलेसन पर आरोप था कि उन्होंने अपने रेजिमेंट के ‘सर्व धर्म स्थल’ में प्रवेश करने से इनकार किया, क्योंकि उनके अनुसार उस स्थल पर सिर्फ मंदिर और गुरुद्वारा हैं, जबकि चर्च मौजूद नहीं है। सेना ने इसे अनुशासनहीनता बताते हुए कार्रवाई की थी।
सेना ने कोर्ट में तर्क दिया कि ‘सर्व धर्म स्थल’ सभी धर्मों के सम्मान का प्रतीक है और किसी एक धर्म का प्रतिनिधित्व होने या न होने से उसके उद्देश्य पर फर्क नहीं पड़ता। वहीं कमलेसन का कहना था कि यह स्थल सभी धर्मों के लिए प्रतिनिधिक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सेना के पक्ष को प्राथमिकता देते हुए कहा कि आर्मी अनुशासन सर्वोपरि है और उसका उल्लंघन स्वीकार्य नहीं है।
दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर जारी विरोध के बीच एक कैबिनेट सब-कमेटी ने रिपोर्ट को मंजूरी दी है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि 50% सीटें/नौकरियाँ सामान्य वर्ग (ओपन मेरिट) के लिए सुरक्षित रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को इस मुद्दे पर विपक्ष एवं पार्टी के भीतर भी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
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