मध्य प्रदेश में रक्त चढ़ाने से बच्चों में एचआईवी संक्रमण, तीन स्वास्थ्य अधिकारी निलंबित
सतना जिले में रक्त चढ़ाने से छह बच्चों में एचआईवी संक्रमण के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने लापरवाही उजागर होने पर ब्लड बैंक प्रभारी समेत तीन स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित किया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने सतना जिले से जुड़े एक गंभीर मामले में तीन स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तब की गई, जब सरकारी अस्पतालों से जुड़े रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) के बाद छह बच्चों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि हुई। निलंबित अधिकारियों में एक सरकारी ब्लड बैंक का प्रभारी भी शामिल है।
राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा गठित एक समिति की प्रारंभिक जांच में रक्त की जांच और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं में गंभीर लापरवाही सामने आई। संक्रमण के मामले सामने आने के बाद 16 दिसंबर को इस समिति का गठन किया गया था। समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
अधिकारियों के अनुसार, जांच में यह पाया गया कि रक्त संग्रहण, परीक्षण और आपूर्ति की प्रक्रिया में निर्धारित मानकों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया। आशंका जताई जा रही है कि बिना समुचित स्क्रीनिंग के संक्रमित रक्त बच्चों को चढ़ाया गया, जिसके कारण वे एचआईवी से संक्रमित हुए।
और पढ़ें: मध्य प्रदेश में बम निरोधक दस्ते की वैन और कंटेनर ट्रक की टक्कर, 4 पुलिसकर्मी शहीद
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की विस्तृत जांच जारी है और यदि आगे और भी जिम्मेदार पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी भरोसा दिलाया है कि राज्य के सभी सरकारी ब्लड बैंकों और अस्पतालों में रक्त जांच प्रक्रियाओं की दोबारा समीक्षा की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस बीच, सभी प्रभावित बच्चों को मानक एचआईवी प्रबंधन प्रोटोकॉल के तहत इलाज दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बच्चों के साथ-साथ उनके परिवारों को भी परामर्श और चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार ने परिजनों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है और कहा है कि बच्चों के इलाज में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी।
यह मामला राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और रक्त आधान प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है, जिस पर अब प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है।
और पढ़ें: एमपी भाजपा में गुटीय संघर्ष शांत करने की कोशिश, नए प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल की सागर यात्रा चर्चा में