मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए प्रस्तावित स्टील तार बाड़ का निरीक्षण करेंगे मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश 5-6 सितंबर को कोयंबटूर के वनों का निरीक्षण करेंगे। मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए प्रस्तावित स्टील तार बाड़ के प्रभाव का प्रत्यक्ष आकलन करेंगे।
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश एन. सतीश कुमार और डी. भारत चक्रवर्ती ने कोयंबटूर जिले के उन वनों का दौरा करने का निर्णय लिया है, जहां मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए स्टील तार की बाड़ लगाने का प्रस्ताव है। यह निरीक्षण 5 और 6 सितंबर को होगा।
न्यायमूर्ति दोनों दिन अमिकी क्यूरी (न्यायालय के सहयोगी वकील) और विशेष सरकारी वकील के साथ स्थल का दौरा करेंगे। अदालत में दायर एक याचिका के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें हाथियों के मानव बस्तियों में प्रवेश से बढ़ते टकराव और उससे होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त की गई थी।
अदालत के अनुसार, स्टील तार की बाड़ लगाना समाधान है या नहीं, यह जमीनी हकीकत देखकर ही तय होगा। न्यायाधीशों ने कहा कि किसी भी निर्णय से पहले इलाके का प्रत्यक्ष निरीक्षण आवश्यक है ताकि पर्यावरणीय प्रभाव, वन्यजीवों की आवाजाही और स्थानीय निवासियों की समस्याओं का सही आकलन किया जा सके।
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कोयंबटूर और आसपास के क्षेत्रों में हाथियों के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें मानव जीवन की हानि और फसलों का नुकसान हुआ है। वन विभाग ने स्टील तार की मजबूत बाड़ लगाने का प्रस्ताव दिया है, ताकि हाथियों का रास्ता मोड़ा जा सके और गांवों को सुरक्षित रखा जा सके।
न्यायालय का यह निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करने और आगे की सुनवाई में मदद करेगा। अदालत ने कहा कि इसका उद्देश्य केवल स्थायी और व्यावहारिक समाधान खोजना है, जो वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखे।
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