छात्रावास सुरक्षा पर ममता बनर्जी की टिप्पणी पर बवाल, विपक्ष ने बताया संवेदनहीन बयान
ममता बनर्जी के छात्रावास सुरक्षा पर दिए बयान—“छात्राएं रात में बाहर न जाएं”—पर विपक्ष और सोशल मीडिया ने तीखी आलोचना की, इसे महिलाओं पर दोष मढ़ने जैसा बताया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में आ गई हैं। उन्होंने हाल ही में छात्रावासों की सुरक्षा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “विशेषकर छात्राओं को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए और उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करनी चाहिए।” इस बयान के बाद विपक्षी दलों, महिला संगठनों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की ‘संवेदनहीन’ और ‘पीड़िता पर दोष मढ़ने वाली’ टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है।
ममता बनर्जी ने यह टिप्पणी राज्य में छात्राओं की सुरक्षा से जुड़े एक कार्यक्रम में की थी। उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा के उपाय कर रही है, लेकिन छात्राओं को भी “सावधानी बरतनी चाहिए और रात में अनावश्यक रूप से बाहर नहीं जाना चाहिए।”
बयान के तुरंत बाद, विपक्षी दलों—खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस—ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा। भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि छात्राओं को खुद अपनी रक्षा करनी चाहिए, राज्य सरकार की विफलता को छिपाने का प्रयास है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी से महिलाओं को और अधिक असुरक्षित महसूस होता है।
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सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सवाल उठाया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है, न कि केवल उनकी अपनी। कई यूजर्स ने कहा कि ममता बनर्जी को ऐसे बयान देने की बजाय रात में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए।
हालांकि मुख्यमंत्री के समर्थकों का कहना है कि उनके बयान का मतलब गलत तरीके से पेश किया गया, और उन्होंने केवल छात्राओं को सतर्क रहने की सलाह दी थी।