मणिपुर: एनएच-2 पर वाहनों की मुक्त आवाजाही अब तक बहाल नहीं, जर्जर सड़क और हिंसा बनी बाधा
मणिपुर का एनएच-2 अब तक सुचारू नहीं हुआ है। जर्जर सड़क और जातीय हिंसा के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित है और कुकी-जो समुदाय हवाई अड्डे तक नहीं पहुँच पा रहा।
मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (एनएच-2) पर सभी वाहनों की निर्बाध आवाजाही अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। यह राजमार्ग इम्फाल घाटी तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पहुँचाने का प्रमुख मार्ग है। साथ ही, यह सड़क इम्फाल हवाई अड्डे को जोड़ने वाली जीवनरेखा मानी जाती है।
जानकारी के अनुसार, एनएच-2 लंबे समय से जर्जर अवस्था में है और इसमें जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इसके कारण न केवल यातायात बाधित हो रहा है, बल्कि मालवाहक वाहनों को भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग के बंद रहने से घाटी क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है, जिससे आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विशेष रूप से, जातीय हिंसा भड़कने के बाद से कुकी-जो समुदाय इस सड़क का उपयोग नहीं कर पा रहा है। समुदाय के सदस्यों का कहना है कि वे इम्फाल हवाई अड्डे तक नहीं पहुँच पा रहे हैं, जिससे उनकी आवाजाही और व्यापारिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं। यह स्थिति राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को और जटिल बना रही है।
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स्थानीय लोग और नागरिक संगठनों का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द इस राजमार्ग को सुचारू बनाना चाहिए और इसकी मरम्मत के साथ-साथ सुरक्षा इंतजाम भी मजबूत करने चाहिए। विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक इस राजमार्ग पर पूर्ण सुरक्षा और व्यवस्था नहीं बहाल होती, तब तक मणिपुर की स्थिति सामान्य होना मुश्किल है।
एनएच-2 की स्थिति न केवल परिवहन व्यवस्था बल्कि मणिपुर के शांति और स्थायित्व के लिए भी अहम मानी जा रही है।