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अमेरिकी शुल्क बढ़ोतरी के असर से शुरुआती कारोबार में बाजारों में गिरावट

अमेरिका द्वारा अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने और विदेशी फंड बहिर्वाह के कारण भारतीय शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। एशियाई बाजारों की कमजोरी ने भी दबाव बढ़ाया।

अमेरिका द्वारा अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने के फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार के दौरान गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों की धारणा पर विदेशी फंड के लगातार बहिर्वाह और एशियाई बाजारों की कमजोर रुझान ने भी नकारात्मक असर डाला।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी, दोनों ही सूचकांकों में कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। निवेशक अमेरिकी शुल्क बढ़ोतरी के संभावित प्रभाव से चिंतित दिखे, क्योंकि यह भारतीय निर्यातकों और विभिन्न उद्योगों की लागत संरचना पर दबाव डाल सकता है।

फॉरेक्स बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों में लगातार बिकवाली हो रही है। इसका कारण वैश्विक स्तर पर जोखिम लेने की इच्छा में कमी और अमेरिकी नीति निर्णयों को लेकर बढ़ती अनिश्चितता है। अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय सामानों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा ने निर्यात-उन्मुख कंपनियों के शेयरों को विशेष रूप से प्रभावित किया।

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इसके अलावा, अन्य एशियाई बाजारों में भी मंदी का रुख देखने को मिला, जिसने भारतीय निवेशकों के मनोबल को और कमजोर कर दिया। विश्लेषकों का मानना है कि अगर विदेशी फंड का बहिर्वाह जारी रहता है और वैश्विक बाजारों में सुधार नहीं आता, तो निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।

बाजार विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि निवेशकों को अल्पकालिक उतार-चढ़ाव में जल्दबाजी में फैसले नहीं लेने चाहिए और लंबी अवधि के नजरिए से निवेश रणनीति अपनानी चाहिए।

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