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युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए रूस से संपर्क में भारतीय विदेश मंत्रालय

यूक्रेन-रूस युद्ध में फंसे 15 भारतीयों को जबरन रूसी सेना में शामिल किया गया। विदेश मंत्रालय रूस से संपर्क में है और जल्द सुरक्षित वापसी के लिए प्रयासरत है।

यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच कम से कम 15 भारतीय नागरिकों के फंसे होने की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इन भारतीयों को जबरन रूस की ओर से युद्ध में शामिल किया जा रहा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए भारत का विदेश मंत्रालय तुरंत सक्रिय हो गया है और रूसी अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रूस से तत्काल बातचीत चल रही है ताकि वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित रूप से स्वदेश वापस लाया जा सके। मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों से भी संपर्क साधा है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकांश भारतीय नागरिक नौकरी और बेहतर जीवन की तलाश में रूस गए थे, लेकिन उन्हें धोखाधड़ी से भर्ती कर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया। यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की खबरें सामने आई हैं। इससे पहले भी कुछ देशों के नागरिकों के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध में ऐसे ही हालात बने थे।

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इस मामले ने भारत में भी चिंता बढ़ा दी है। विपक्षी दलों ने सरकार से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना न केवल भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत-रूस संबंधों को प्रभावित कर सकती है।

विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे किसी भी प्रकार के फर्जी एजेंटों के झांसे में न आएं और नौकरी या वीज़ा से जुड़ी किसी भी प्रक्रिया से पहले आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

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