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मेघवाल ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक का बचाव किया, कहा—केजरीवाल भी जेल में रहते हुए नहीं दिए थे इस्तीफ़ा

अर्जुन राम मेघवाल ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जेल में रहते हुए भी इस्तीफ़ा नहीं दिया था, इसलिए विरोध का कोई औचित्य नहीं।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि इस पर हो रहे विरोध का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उस समय भी इस्तीफ़ा नहीं दिया था जब वे जेल में थे।

मेघवाल ने संसद में चल रही बहस के दौरान कहा कि संविधान संशोधन विधेयक को गलत तरीके से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। उनका कहना था कि यह संशोधन प्रशासनिक निरंतरता और शासन की स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अपने हित के अनुसार तर्क गढ़ रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि पहले भी ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं जहाँ नेताओं ने कारावास के दौरान पद नहीं छोड़ा।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह संशोधन लोकतंत्र या संवैधानिक मूल्यों को कमजोर नहीं करता, बल्कि संस्थाओं को मज़बूत करता है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।

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मेघवाल ने कहा, “जब केजरीवाल जी जेल में थे, तब उन्होंने भी इस्तीफ़ा नहीं दिया था। तो फिर आज इस संशोधन को लेकर इतना विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है? यह दोहरे मानदंड का उदाहरण है।”

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विधेयक आने वाले समय में संवैधानिक और राजनीतिक बहस का अहम मुद्दा बन सकता है, क्योंकि इसका सीधा असर जनप्रतिनिधियों के पद और अधिकारों पर पड़ सकता है।

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