मेहली मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट विवाद से आगे बढ़ने का संकेत दिया
टाटा ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी मेहली मिस्त्री ने विवाद से दूरी बनाते हुए रतन टाटा की दृष्टि को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभाने और संस्थान की प्रतिष्ठा बनाए रखने की बात कही।
टाटा ट्रस्ट्स के पूर्व ट्रस्टी मेहली मिस्त्री ने संस्था से जुड़े विवाद से आगे बढ़ने का संकेत दिया है। पिछले सप्ताह अधिकांश ट्रस्टी सदस्यों द्वारा मतदान के बाद पद से हटाए जाने के पश्चात् उन्होंने स्पष्ट किया कि अब वे इस मामले को और नहीं बढ़ाना चाहते।
मेहली मिस्त्री ने सर रतन टाटा ट्रस्ट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और भाई हिराबाई जे.एन. टाटा नवसारी चैरिटेबल इंस्टिट्यूशन ट्रस्ट के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि यह पत्र “उन अटकलों को समाप्त करने के लिए है जो टाटा ट्रस्ट्स के हितों के अनुरूप नहीं हैं और इसकी मूल दृष्टि के विपरीत हैं।”
मिस्त्री ने लिखा कि उनका संकल्प श्री रतन टाटा की दृष्टि के प्रति समर्पित है और उसमें यह जिम्मेदारी भी शामिल है कि “टाटा ट्रस्ट्स किसी भी विवाद में न उलझें।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विवाद को और बढ़ाया गया तो इससे संस्था की प्रतिष्ठा को “अपूरणीय क्षति” हो सकती है।
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उन्होंने कहा कि टाटा ट्रस्ट्स का उद्देश्य सदैव समाज के हित में कार्य करना रहा है और वे नहीं चाहते कि हालिया घटनाओं से संस्था की विश्वसनीयता पर कोई प्रश्न उठे।
व्यवसायिक जगत के विशेषज्ञों के अनुसार, मेहली मिस्त्री का यह कदम टाटा ट्रस्ट्स की स्थिरता और उसकी पारदर्शी छवि को बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। यह निर्णय संस्था के सामाजिक मिशन और रतन टाटा की विरासत की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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