कोयंबटूर और मदुरै में मेट्रो रेल परियोजनाओं को केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं
केंद्र सरकार ने 2011 की जनगणना के आधार पर जनसंख्या मानक पूरा न होने के कारण कोयंबटूर और मदुरै की मेट्रो परियोजनाओं को अस्वीकार किया, जिससे राज्य की योजनाओं को झटका लगा।
केंद्र सरकार ने कोयंबटूर और मदुरै के मेट्रो रेल परियोजना प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दोनों शहर मेट्रो रेल नीति 2017 के तहत आवश्यक न्यूनतम जनसंख्या मानक को पूरा नहीं करते। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा 14 नवंबर 2025 को जारी संचार के अनुसार, 2011 की जनगणना के आधार पर कोयंबटूर की आबादी 15.84 लाख और मदुरै की आबादी 15 लाख है।
मेट्रो रेल नीति 2017 के अनुसार, किसी भी शहर में मेट्रो परियोजना शुरू करने के लिए उसकी जनसंख्या कम से कम 20 लाख (2 मिलियन) होना अनिवार्य है। मंत्रालय ने कहा कि दोनों शहरों की जनसंख्या इस मानक से कम होने के कारण इन परियोजनाओं को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
तमिलनाडु सरकार द्वारा लंबे समय से इन दोनों शहरों में भारी ट्रैफिक बोझ को देखते हुए मेट्रो रेल व्यवस्था विकसित करने का अनुरोध किया जा रहा था। राज्य सरकार का तर्क था कि पिछले 14 वर्षों में इन शहरों की जनसंख्या और आर्थिक गतिविधियों में काफी वृद्धि हुई है, इसलिए 2011 की जनगणना के बजाय वर्तमान वास्तविक जनसंख्या को आधार मानना चाहिए।
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हालांकि, केंद्र ने नीति के अनुसार केवल आधिकारिक जनगणना आबादी को ही मान्य माना है। मंत्रालय ने कहा कि नई जनगणना के आंकड़े उपलब्ध होने पर भविष्य में परियोजनाओं की व्यवहार्यता को पुनः आंका जा सकता है।
कोयंबटूर और मदुरै दोनों तमिलनाडु के प्रमुख औद्योगिक एवं सांस्कृतिक केंद्र हैं, जहां मेट्रो परियोजना से ट्रैफिक प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण और शहरी गतिशीलता में बड़ा सुधार होने की उम्मीद थी। केंद्र के इस निर्णय से राज्य सरकार की योजनाओं को तात्कालिक झटका लगा है।
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