माइक्रोसॉफ्ट ने सेवाएं बहाल कीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने नायरा एनर्जी की याचिका की सुनवाई बंद की
माइक्रोसॉफ्ट ने नायरा एनर्जी की सेवाएं बहाल कर दीं, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने कंपनी की याचिका बंद कर दी। नायरा का कहना था कि माइक्रोसॉफ्ट ने ईयू प्रतिबंधों की गलत व्याख्या की थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने नायरा एनर्जी की उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट द्वारा सेवाएं रोकने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने यह फैसला माइक्रोसॉफ्ट द्वारा सेवाएं बहाल करने के बाद सुनाया।
नायरा एनर्जी का कहना था कि माइक्रोसॉफ्ट ने यूरोपीय संघ (EU) द्वारा रूस पर लगाए गए हालिया प्रतिबंधों की अपनी एकतरफा व्याख्या के आधार पर उनकी सेवाएं बंद कर दी थीं। जबकि नायरा एनर्जी एक भारतीय कंपनी है और यूरोपीय प्रतिबंधों के दायरे में नहीं आती।
कंपनी का यह भी कहना था कि माइक्रोसॉफ्ट की इस कार्रवाई से उनके कारोबारी संचालन और तकनीकी सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। उन्होंने अदालत से सेवाएं तुरंत बहाल करने और अनुचित कार्रवाई रोकने की मांग की थी।
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अदालत में सुनवाई के दौरान माइक्रोसॉफ्ट ने सूचित किया कि उसने नायरा एनर्जी के लिए अपनी सेवाएं बहाल कर दी हैं और भविष्य में ऐसी समस्या न हो इसके लिए कदम उठाए जाएंगे।
नायरा एनर्जी ने कोर्ट को बताया कि सेवाएं बहाल होने के बाद फिलहाल उनकी शिकायत का समाधान हो गया है। इसके बाद अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए इसे बंद कर दिया।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और उनके कॉर्पोरेट व्याख्या से जुड़े जटिल सवालों को उजागर करता है। भारतीय कंपनियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे वैश्विक टेक कंपनियों की नीतियां उनके संचालन को प्रभावित कर सकती हैं।
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