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सुबह का डाइजेस्ट: धोखेबाज़ एजेंट ने फंसाए 15 भारतीय, यूक्रेन-रूस युद्ध क्षेत्र में फंसे

धोखेबाज़ एजेंट ने 15 भारतीयों को यूक्रेन-रूस युद्ध क्षेत्र में फंसा दिया। वहीं, एफबीआई ने चार्ली किर्क हत्या मामले में हिरासत में लिए गए व्यक्ति को सबूतों के अभाव में रिहा किया।

सुबह की बड़ी खबरों में सामने आया है कि लगभग 15 भारतीय नागरिक यूक्रेन-रूस युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं। जानकारी के अनुसार, इन्हें एक एजेंट ने बेहतर नौकरी और कमाई का झांसा देकर विदेश भेजा था। एजेंट ने युवाओं से यह वादा किया था कि उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा, लेकिन हकीकत में उन्हें युद्धग्रस्त इलाकों में भेज दिया गया। फिलहाल ये लोग वहां न केवल जान के खतरे में हैं बल्कि अपने घर वापस आने के लिए संघर्ष भी कर रहे हैं। भारतीय सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और विदेश मंत्रालय ने त्वरित जांच शुरू की है।

एक और अहम खबर अमेरिका से है, जहां एफबीआई निदेशक काश पटेल ने बताया कि चार्ली किर्क की हत्या के मामले में हिरासत में लिए गए व्यक्ति को रिहा कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि संदिग्ध के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, एफबीआई ने कहा है कि जांच जारी रहेगी और किसी भी सुराग को अनदेखा नहीं किया जाएगा। इस घटना ने अमेरिकी राजनीति और सुरक्षा एजेंसियों पर कई सवाल खड़े किए हैं।

इसके अलावा, दिन की अन्य सुर्खियों में घरेलू राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम शामिल हैं। भारत सरकार लगातार अपने नागरिकों की सुरक्षा और विदेशों में उनके हालात को लेकर सजग है। वहीं, वैश्विक स्तर पर सुरक्षा और कूटनीति से जुड़े मुद्दे भी सुर्खियों में बने हुए हैं।

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यह स्पष्ट है कि एक ओर भारतीय युवाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है, तो दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही जांच और राजनीतिक घटनाएं नई दिशा ले रही हैं।

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