अमेरिकी टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे वस्त्र, हीरा और रसायन क्षेत्र के एमएसएमई: क्रिसिल इंटेलिजेंस
क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के टैरिफ से वस्त्र, रत्न-ज्वेलरी और रसायन क्षेत्र के एमएसएमई सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, क्योंकि इन क्षेत्रों में 70% से अधिक हिस्सेदारी एमएसएमई की है।
क्रिसिल इंटेलिजेंस की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का सबसे ज्यादा असर भारत के वस्त्र, रत्न-ज्वेलरी और रसायन क्षेत्र पर पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात का लगभग 25% हिस्सा इन क्षेत्रों से आता है, और इनमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की हिस्सेदारी 70% से भी अधिक है। ऐसे में अमेरिकी टैरिफ इन उद्योगों को गंभीर झटका देंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, एमएसएमई पहले से ही वैश्विक मांग में गिरावट, बढ़ती उत्पादन लागत और वित्तीय दबाव जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। अब यदि अमेरिका अपने टैरिफ को और कड़ा करता है, तो इन क्षेत्रों में निर्यात में तेज गिरावट दर्ज की जा सकती है।
वस्त्र उद्योग में मुख्य रूप से छोटे और मध्यम स्तर के यूनिट काम करते हैं, जो अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर हैं। इसी तरह रत्न और आभूषण क्षेत्र भी उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल और कुशल कारीगरों के बावजूद अमेरिकी मांग में गिरावट के कारण प्रभावित होगा। रसायन उद्योग, जिसमें विशेष रूप से डाई और इंटरमीडिएट्स का निर्यात होता है, भी टैरिफ के कारण दबाव झेल सकता है।
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क्रिसिल इंटेलिजेंस ने सुझाव दिया है कि उद्योग को अपने निर्यात बाजारों का विविधीकरण करना चाहिए और घरेलू मांग को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए, ताकि अमेरिकी टैरिफ से होने वाले नुकसान को आंशिक रूप से संतुलित किया जा सके।
कुल मिलाकर, अमेरिकी टैरिफ भारतीय एमएसएमई के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं, खासकर उन उद्योगों के लिए जो पहले से ही वैश्विक अनिश्चितताओं से प्रभावित हैं।
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