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मुंबई में सात महीनों में 93 लड़कियों सहित 145 बच्चे लापता; मानव तस्करी की आशंका

मुंबई में सात महीनों में 145 बच्चे लापता हुए, जिनमें 93 लड़कियां शामिल हैं। पुलिस को मानव तस्करी की आशंका है, जबकि बाल अधिकार संगठनों ने विशेष सुरक्षा अलर्ट प्रणाली की मांग की है।

मुंबई में बच्चों के लापता होने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि सामने आई है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जून से दिसंबर के बीच शहर में कुल 145 बच्चे लापता हुए हैं, जिनमें 93 लड़कियां शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि केवल 36 दिनों की अवधि में, यानी 1 नवंबर से 6 दिसंबर के बीच, 82 नाबालिग बच्चों के लापता होने के मामले दर्ज किए गए हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।

इन 82 मामलों में सबसे अधिक प्रभावित वर्ग बड़े किशोरों का रहा है। इनमें 18 वर्ष तक की उम्र की 41 लड़कियां और 13 लड़के शामिल हैं, जो कुल मामलों के आधे से अधिक हैं। इसके अलावा, बहुत कम उम्र के बच्चों के भी लापता होने की घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस के अनुसार, इस अवधि में पांच साल तक की उम्र की लड़कियां और 11 साल तक के लड़के भी लापता पाए गए हैं।

लापता बच्चों के मामले शहर के कई अलग-अलग इलाकों से सामने आए हैं। इनमें कुर्ला विलेज, वकोला, पवई, मालवणी और साकीनाका जैसे थाना क्षेत्र शामिल हैं। अलग-अलग स्थानों पर दर्ज मामलों से यह संकेत मिलता है कि यह समस्या केवल किसी एक इलाके तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे महानगर में फैली हुई है।

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पुलिस को आशंका है कि इन घटनाओं के पीछे मानव तस्करी एक प्रमुख कारण हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, सभी संभावित पहलुओं से विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।

पुलिस आंकड़ों के अनुसार, जून में 26 बच्चे (सभी लड़कियां), जुलाई में 25 बच्चे, अगस्त में 19, सितंबर में 21, अक्टूबर में 19, नवंबर में 24 और दिसंबर में अब तक 11 बच्चे लापता हुए हैं।

इन बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं और बाल अधिकार संगठनों ने मुंबई में एक समर्पित “चाइल्ड सेफ्टी अलर्ट” प्रणाली लागू करने की मांग की है, ताकि लापता बच्चों को जल्द से जल्द खोजा जा सके।

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