7/11 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामला: हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया, कहा – अभियोजन पक्ष मामला साबित करने में ‘पूरी तरह विफल’
7/11 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया, कहा कि अभियोजन पक्ष आतंकवाद के आरोप साबित करने में पूरी तरह असफल रहा।
7/11 मुंबई ट्रेन बम धमाकों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 12 दोषियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष घटना से संबंधित आरोपों को साबित करने में “पूरी तरह विफल” रहा।
यह फैसला उस विनाशकारी आतंकवादी हमले के 19 साल बाद आया है, जिसमें 11 जुलाई, 2006 को मुंबई की पश्चिमी रेलवे नेटवर्क की लोकल ट्रेनों में सिलसिलेवार 7 बम धमाके किए गए थे। इस हमले में 180 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों अन्य घायल हुए थे।
कोर्ट ने पाया कि सबूतों की जांच, गवाहों की गवाही, और घटनाक्रम के पुनर्निर्माण में अभियोजन की ओर से गंभीर खामियां रहीं। न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष ऐसा कोई ठोस, निष्कलंक और विश्वसनीय साक्ष्य पेश नहीं कर सका, जिससे यह साबित हो सके कि आरोपी वास्तव में हमले में शामिल थे।
2015 में विशेष मकोका अदालत ने 12 में से 5 को फांसी और शेष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अब हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सभी दोषियों को पूरी तरह निर्दोष करार दिया गया है।
इस निर्णय ने एक बार फिर देश की आतंकवाद से संबंधित न्याय प्रक्रिया, जांच की गुणवत्ता और न्यायिक प्रणाली की जटिलताओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार की ओर से अगला कदम सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का हो सकता है।