नापा ने पंजाब सरकार से लैंड पूलिंग स्कीम वापस लेने की मांग की
नापा ने पंजाब सरकार से लैंड पूलिंग स्कीम वापस लेने की मांग की। सतनाम सिंह चहल ने भगवंत मान को चेतावनी दी कि यह नीति किसानों के लिए हानिकारक है और पंजाब के हितों के खिलाफ है।
नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (NAPA) ने पंजाब सरकार से विवादित लैंड पूलिंग स्कीम को तुरंत वापस लेने की मांग की है। संगठन के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील की कि वे अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम की नीतियों का अंधानुकरण न करें, क्योंकि ये नीतियां पंजाब के हितों के खिलाफ हैं।
चहल ने कहा कि लैंड पूलिंग स्कीम किसानों और भूमिधारकों के लिए नुकसानदायक है, क्योंकि इससे उनकी जमीनों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ेगा और उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल पाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति को कमजोर करेगी और कृषि क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी।
नापा का कहना है कि पंजाब में पहले से ही किसानों को कर्ज, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लैंड पूलिंग जैसी योजनाएं किसानों की तकलीफें और बढ़ा देंगी।
संगठन ने सरकार से मांग की कि वह इस योजना को लागू करने से पहले किसानों, कृषि विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों से व्यापक विचार-विमर्श करे। नापा ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने योजना वापस नहीं ली तो प्रवासी पंजाबी समुदाय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका विरोध करेगा।
चहल ने कहा कि पंजाब की नीतियों को राज्य की जरूरतों के अनुसार बनाया जाना चाहिए, न कि दिल्ली मॉडल की नकल करते हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे पंजाब के लोगों की आवाज सुनें और उनकी भलाई के लिए फैसले लें।
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