नेतन्याहू ने UN में गाजा जनसंहार के आरोपों का खंडन किया
नेतन्याहू ने UNGA में गाजा में ‘जनसंहार’ के आरोपों का खंडन किया। भाषण के दौरान कई देशों के प्रतिनिधि हॉल से बाहर चले गए और इज़राइल की कार्रवाई पर विरोध जताया।
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान गाजा में ‘जनसंहार’ के आरोपों का कड़ा खंडन किया। उन्होंने कहा कि इज़राइल का उद्देश्य केवल आतंकवादी समूहों और सुरक्षा खतरों को निशाना बनाना है, और वहां के आम नागरिकों पर जानबूझकर हमला नहीं किया जा रहा।
नेतन्याहू का यह भाषण उस समय आया जब कई देशों के दर्जनों प्रतिनिधि महासभा हॉल से सामूहिक रूप से बाहर चले गए। उनका यह विरोध गाजा में इज़राइल की सैन्य कार्रवाइयों और नागरिकों पर संभावित हमलों के खिलाफ जताया गया। इस दौरान उन्होंने वैश्विक समुदाय पर दबाव डाला कि इज़राइल के रुख को समझें और आतंकवाद के खिलाफ उसके कदमों का समर्थन करें।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में की जा रही कार्रवाइयाँ केवल हथियारों और आतंकवादी नेटवर्क को निशाना बनाने के लिए हैं। उन्होंने इसे मानवीय अधिकारों के उल्लंघन के रूप में प्रस्तुत किए जाने के दावों का खंडन किया और जोर दिया कि इज़राइल की कार्रवाई पूरी तरह से आत्मरक्षा और सुरक्षा के उद्देश्य से है।
विशेषज्ञों का मानना है कि महासभा में हुई इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़राइल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों के विवाद को और बढ़ा दिया है। कई देशों ने इज़राइल की कार्रवाई की निंदा की, जबकि कुछ ने नेतन्याहू के बयान का समर्थन किया।
इस तरह, संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा को लेकर राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव देखने को मिला। नेतन्याहू का भाषण वैश्विक मंच पर इज़राइल के रुख को स्पष्ट करने का प्रयास था, लेकिन इससे अंतरराष्ट्रीय आलोचना और बहस भी बढ़ी।