कृषि मंत्रालय ने जारी किया नया बीज विधेयक 2025 का मसौदा, जनता से मांगा सुझाव
कृषि मंत्रालय ने बीज विधेयक 2025 का मसौदा जारी किया, जो 1966 अधिनियम को बदलेगा। यह किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, पारदर्शिता और नवाचार आधारित आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करेगा।
नई दिल्ली। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को बीज विधेयक 2025 (Seeds Bill, 2025) का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया है। मंत्रालय ने सभी हितधारकों से 11 दिसंबर तक सुझाव और टिप्पणियाँ आमंत्रित की हैं।
मंत्रालय के अनुसार, यह प्रस्तावित विधेयक 1966 के बीज अधिनियम और 1983 के बीज (नियंत्रण) आदेश को प्रतिस्थापित करेगा। इसका उद्देश्य वर्तमान कृषि, तकनीकी और बाजार स्थितियों के अनुरूप बीज क्षेत्र को अद्यतन विनियामक ढांचा प्रदान करना है।
ड्राफ्ट बिल के प्रमुख उद्देश्यों में बीज की गुणवत्ता का नियमन, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले और सुलभ बीज उपलब्ध कराना, नकली उत्पादों पर रोक, बीज आयात को प्रोत्साहन तथा पारदर्शी आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से किसानों के अधिकारों की सुरक्षा शामिल हैं।
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विधेयक में यह सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है कि किसानों को प्रमाणित बीजों की समय पर आपूर्ति हो, जिससे उत्पादकता में वृद्धि हो और देश की कृषि प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत बने। इसके साथ ही, यह प्रस्ताव बीज उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने और अनुसंधान संस्थानों व निजी क्षेत्र के सहयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कृषि मंत्रालय ने कहा है कि इस मसौदे पर प्राप्त सुझावों पर विचार करने के बाद अंतिम विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। नए कानून के लागू होने से भारत में बीज वितरण और पंजीकरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और किसान-केंद्रित बनाने की उम्मीद है।
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