एनआईए ने यासीन मलिक को मृत्युदंड देने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट से इन-कैमरा सुनवाई की मांग की
एनआईए ने यासीन मलिक के 2017 आतंकवादी फंडिंग मामले में मृत्युदंड की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट से इन-कैमरा सुनवाई की मांग की। सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार, 10 नवंबर 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट से यासीन मलिक के 2017 के आतंकवादी फंडिंग मामले में मृत्युदंड की अपील पर इन-कैमरा सुनवाई करने का अनुरोध किया। अदालत के न्यायाधीश विवेक चौधरी और मनोज जैन की बेंच ने कहा कि एनआईए के विशेष लोक अभियोजक अक्षय मलिक की ओर से इन-कैमरा सुनवाई और निजी वर्चुअल लिंक की मांग के बाद इस याचिका पर विचार किया जाएगा।
तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित यासीन मलिक ने कहा कि लगभग तीन साल की लंबित अपील के कारण उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी के लिए निर्धारित की गई है।
सितंबर में यासीन मलिक ने हाईकोर्ट में 85 पेज का हलफनामा दाखिल करते हुए दावा किया कि उन्होंने लगभग तीन दशक तक जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए कई प्रधानमंत्रियों, खुफिया प्रमुखों और व्यावसायिक हस्तियों के साथ राज्य-स्वीकृत "बैकचैनल" तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) प्रमुख वर्तमान में तिहाड़ जेल में जीवन कैद की सजा काट रहे हैं। 24 मई 2022 को ट्रायल कोर्ट ने उन्हें UAPA और IPC की गंभीर धाराओं के तहत दोषी ठहराकर जीवन imprisonment की सजा सुनाई थी।
एनआईए ने अपील में कहा कि कोई भी आतंकवादी केवल गिल्टी प्लीड करने के कारण जीवन कैद की सजा न पाकर मृत्युदंड से बच न सके। एजेंसी ने कहा कि यदि ऐसे आतंकवादियों को गिल्टी प्लीड के आधार पर मृत्युदंड नहीं दिया जाता, तो सजा नीति कमजोर होगी और आतंकवादी इससे बच सकते हैं।
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