×
 

उत्तर बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन के लिए अनियंत्रित निर्माण और पर्यटन जिम्मेदार: विशेषज्ञों की चेतावनी

विशेषज्ञों ने चेताया कि उत्तर बंगाल में अनियंत्रित निर्माण, वनों की कटाई और पर्यटन से बाढ़-भूस्खलन का खतरा बढ़ा है। पर्यावरणीय संतुलन बहाली के लिए कड़े कदम जरूरी हैं।

उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में चक्रवात ‘मोंथा’ के अवशेषों से हुई भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) से शुरू हुई बारिश शनिवार (1 नवंबर 2025) तक जारी रही। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्र में अनियंत्रित निर्माण कार्य, जंगलों की कटाई और बढ़ते पर्यटन ने प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता को और बढ़ा दिया है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि पहाड़ी ढलानों पर तेजी से हो रहा कंक्रीट निर्माण और अवैज्ञानिक सड़क विस्तार पर्यावरणीय संतुलन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन गतिविधियों को नियंत्रित नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में उत्तर बंगाल में ऐसी प्राकृतिक आपदाएं और अधिक विनाशकारी रूप ले सकती हैं।

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, नदियों की जलधारण क्षमता घटने और वनों की कमी के कारण वर्षा जल को सोखने की क्षमता कम हो गई है। इससे बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

और पढ़ें: पश्चिमी केन्या में भूस्खलन से 21 की मौत, 30 लोग लापता; 1,000 से अधिक घर तबाह

इससे पहले अक्टूबर माह में हुई लगातार बारिश ने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली थी और 110 से अधिक प्रमुख भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिससे क्षेत्र में परिवहन और जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया था।

विशेषज्ञों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह इस क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखे और पर्यावरणीय मानकों को लागू करे ताकि पहाड़ी पारिस्थितिकी तंत्र को और क्षति से बचाया जा सके।

और पढ़ें: ट्रम्प बोले– शी जिनपिंग से हुई मुलाकात शानदार, दोनों देशों के बीच स्थायी शांति लाएगी

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share