मराठा आरक्षण विवाद के बीच ओबीसी युवक की कथित मौत
मराठा आरक्षण पर शासनादेश के बाद सदमे में आए एक ओबीसी युवक की मौत हुई। वह बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित था। घटना ने विवाद और तनाव बढ़ा दिया।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विवाद एक बार फिर से संवेदनशील मोड़ पर पहुंच गया है। खबर है कि एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय से जुड़े युवक की मौत आरक्षण मुद्दे से उपजे तनाव के बीच हुई।
सूत्रों के अनुसार, 2 सितंबर को सरकार द्वारा मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने संबंधी शासनादेश (जीआर) जारी किया गया था। इसी के बाद मृतक युवक गहरे सदमे में चला गया। परिजनों और करीबी लोगों का कहना है कि वह इस बात को लेकर बेहद चिंतित था कि इस फैसले के बाद उसके बच्चों का भविष्य क्या होगा और क्या ओबीसी समुदाय के अधिकार प्रभावित होंगे।
मराठा आरक्षण का मुद्दा लंबे समय से महाराष्ट्र की राजनीति का केंद्र रहा है। हाल के सरकारी आदेश ने स्थिति को और जटिल बना दिया है, क्योंकि इससे ओबीसी और मराठा समुदाय के बीच सामाजिक और राजनीतिक खींचतान और तेज हो गई है। ओबीसी संगठनों ने पहले ही आशंका जताई थी कि मराठाओं को कुनबी श्रेणी में शामिल करने से उनकी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण हिस्सेदारी प्रभावित हो सकती है।
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युवक की मौत ने इस बहस को और उग्र कर दिया है। विपक्षी दलों और ओबीसी संगठनों ने इसे सरकार की नीतिगत विफलता बताया है। उनका कहना है कि सरकार बिना व्यापक चर्चा और सहमति बनाए ऐसे फैसले ले रही है, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना राज्य में पहले से ही चल रहे आरक्षण विवाद को और भड़का सकती है। अब सभी की नज़र इस पर है कि सरकार स्थिति को शांत करने और दोनों समुदायों के बीच संतुलन बनाने के लिए क्या कदम उठाती है।
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