विपक्ष ने तेल मंत्रालय के पोस्टर में सावरकर और गांधी को दिखाने पर जताया विरोध
कांग्रेस ने तेल मंत्रालय के पोस्टर पर विरोध जताया, जिसमें सावरकर को महात्मा गांधी पर प्रतिष्ठित दिखाया गया, इसे इतिहास तोड़ने और ‘देशद्रोहियों’ को नायक बनाने का प्रयास बताया।
विपक्ष ने तेल मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक पोस्टर को लेकर कड़ा विरोध जताया है, जिसमें विनायक दामोदर सावरकर और महात्मा गांधी को दिखाया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि यह पोस्टर इतिहास को तोड़-मरोड़ने और ‘देशद्रोहियों’ को नायक बनाने का प्रयास है।
वेणुगोपाल ने स्पष्ट किया कि इस पोस्टर में सावरकर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ऊपर प्रतिष्ठित दिखाया गया है, जो न केवल इतिहास के साथ खिलवाड़ है, बल्कि समाज में गलत संदेश फैलाने का काम करता है। उनका कहना था कि ऐसे कदमों से जनता में विवाद और भ्रम पैदा होता है और स्वतंत्रता संग्राम के वास्तविक नायकों का महत्व कम होता है।
विपक्ष के अनुसार, सरकार की ओर से इस तरह की सामग्री जारी करना लोकतांत्रिक मूल्यों और शिक्षा के दृष्टिकोण से अनुचित और आपत्तिजनक है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पोस्टर वापस लेने और स्पष्ट स्पष्टीकरण देने की मांग की है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के पोस्टर इतिहास में संतुलन बनाए रखने और सही संदर्भ प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी को चुनौती देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जनता को सटीक और निष्पक्ष जानकारी मिलना बेहद जरूरी है, ताकि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भ्रम और विवाद से बचा जा सके।
इस विवाद ने राजनीतिक विमर्श को भी सक्रिय कर दिया है और देश में इतिहास और राष्ट्रीय नायकों के सम्मान को लेकर बहस छेड़ दी है।