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दिल्ली में 16,000 से अधिक बांग्ला भाषी लोगों की जांच, अवैध बांग्लादेशियों की पहचान के लिए अभियान

दिल्ली पुलिस ने 16,000 से अधिक बांग्ला भाषी लोगों की जांच कर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान के लिए अभियान चलाया। मजदूर चौकों, बस्तियों और ट्रांजिट हब में दस्तावेजों की जांच की गई।

दिल्ली पुलिस ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान के लिए एक बड़े स्तर पर अभियान चलाया, जिसके तहत 16,000 से अधिक बांग्ला भाषी लोगों की जांच की गई। यह अभियान हाल ही में विभिन्न इलाकों में प्रवासी मजदूरों और अस्थायी बस्तियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शुरू किया गया।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने कई टीमों को मजदूर चौकों, प्रवासी मजदूरों की अनौपचारिक बस्तियों और ट्रांजिट हब (जहां से यात्रियों का आना-जाना होता है) में भेजा। वहां रह रहे और काम कर रहे बांग्ला भाषी लोगों की पहचान पत्र, निवास प्रमाण और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच की गई।

अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के अभियान का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी नागरिकों का पता लगाना और उन्हें कानून के दायरे में लाना है। पुलिस को आशंका है कि इनमें से कुछ लोग आपराधिक गतिविधियों या अन्य गैरकानूनी कार्यों में भी शामिल हो सकते हैं।

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जांच के दौरान पुलिस ने स्थानीय निवासियों और मकान मालिकों से भी पूछताछ की, ताकि बांग्लादेश से आए लोगों की सही पहचान हो सके। कई मामलों में दस्तावेजों की पुष्टि के लिए संबंधित राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों से भी संपर्क किया गया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसे अभियान समय-समय पर चलाए जाएंगे, ताकि दिल्ली में अवैध प्रवासियों की मौजूदगी को रोका जा सके और कानून-व्यवस्था पर उनका असर कम किया जा सके।

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