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पन्नीरसेल्वम ने थिरुमावलवन से एमजीआर और जयललिता पर टिप्पणी वापस लेने की मांग की

ओ. पन्नीरसेल्वम ने थिरुमावलवन से एमजीआर और जयललिता पर की गई जातिगत टिप्पणी वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि नेताओं पर इस तरह के बयान देना अनुचित है।

अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के पूर्व समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम ने विदुथलाई सिरुथैगल काची (VCK) के प्रमुख और सांसद थोल. थिरुमावलवन से आग्रह किया है कि वे दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एम.जी. रामचंद्रन (एमजीआर) और जे. जयललिता पर की गई अपनी टिप्पणियां वापस लें।

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि थिरुमावलवन को यह विचार करना चाहिए कि क्या “अम्मा” (जयललिता) के जातिगत पृष्ठभूमि पर टिप्पणी करना उचित था। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनता ने जयललिता और एमजीआर दोनों को उनके कार्यों और नेतृत्व क्षमता के आधार पर सम्मान और प्रेम दिया, न कि उनकी जाति के आधार पर।

उन्होंने आगे कहा, “नेताओं के योगदान को जाति के चश्मे से देखना न केवल उनके व्यक्तित्व का अपमान है, बल्कि यह समाज में अनावश्यक विभाजन पैदा करता है।”

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पन्नीरसेल्वम ने याद दिलाया कि एमजीआर और जयललिता ने तमिलनाडु के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में अमूल्य योगदान दिया है। “उनकी विरासत को सम्मान देने के बजाय, इस तरह की टिप्पणी करना राजनीति को नकारात्मक दिशा में ले जाने जैसा है,” उन्होंने जोड़ा।

उन्होंने थिरुमावलवन से अपील की कि वे सार्वजनिक रूप से इस टिप्पणी को वापस लें और तमिलनाडु की राजनीतिक संस्कृति में आपसी सम्मान बनाए रखने का उदाहरण पेश करें।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद राज्य की राजनीति में जाति आधारित विमर्श को और तेज कर सकता है, खासकर ऐसे समय में जब चुनावी माहौल धीरे-धीरे गरम हो रहा है।

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