संसद ने बंदरगाहों से जुड़े कानून को एकीकृत करने वाला विधेयक पारित किया
संसद ने भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025 पारित किया। इसका उद्देश्य कानूनों को एकीकृत कर व्यापार सुगमता बढ़ाना और बंदरगाह प्रबंधन के लिए आधुनिक, पारदर्शी ढांचा तैयार करना है।
संसद ने भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025 (Indian Ports Bill 2025) पारित कर दिया है, जिसका उद्देश्य बंदरगाहों से संबंधित कानूनों को एकीकृत करना और व्यापार करने में सुगमता (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देना है। यह विधेयक 12 अगस्त को लोकसभा से पारित हुआ था और सोमवार को इसे राज्यसभा में पेश किया गया।
राज्यसभा में पेश किए जाने के दौरान विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सदन का माहौल शोरगुलपूर्ण रहा। इसके बावजूद विधेयक को आवश्यक प्रक्रियाओं के बाद पारित कर दिया गया।
सरकार के अनुसार, इस विधेयक का उद्देश्य बंदरगाह प्रबंधन के लिए एक आधुनिक और एकीकृत कानूनी ढांचा तैयार करना है, जिससे निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और विदेशी व्यापार की दक्षता बढ़ेगी। साथ ही, यह कानून पुरानी और बिखरी हुई कानूनी व्यवस्थाओं को समाप्त कर एक स्पष्ट और पारदर्शी प्रणाली स्थापित करेगा।
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विधेयक में यह प्रावधान भी है कि बंदरगाहों के विकास, संचालन और विनियमन से संबंधित सभी नीतिगत निर्णय एक समान मानकों के तहत लिए जाएंगे। इससे न केवल केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय होगा बल्कि लॉजिस्टिक लागत कम करने में भी मदद मिलेगी।
सरकार का कहना है कि भारत को एक वैश्विक व्यापार केंद्र बनाने और समुद्री अवसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है।
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