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स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी तीन साल बाद जमानत पर रिहा

स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को तीन साल बाद जमानत मिली। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति और गवाहों की जांच पूरी होने के बाद उन्हें रिहा किया गया।

पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, जो स्कूल सेवा आयोग (SSC) भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं, को मंगलवार (11 नवंबर 2025) को तीन साल तीन महीने बाद जमानत मिल गई।

पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्कूल भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। लंबे समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद उन्हें अब जमानत पर रिहाई मिली है। वे पिछले 203 दिनों से कोलकाता के मुकुंदपुर इलाके के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। जमानत बॉन्ड भरने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया।

उनकी रिहाई तब संभव हुई जब सोमवार को सीबीआई (CBI) द्वारा दर्ज संबंधित मामलों में गवाहों की गवाही पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उन्हें सीबीआई मामलों में सशर्त जमानत दे दी थी, यह कहते हुए कि गवाहों की जांच पूरी होने तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा।

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मंगलवार को रिहाई के बाद पार्थ चटर्जी अपने नकटाला स्थित आवास के लिए रवाना हुए। अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक जुटे थे, जिन्होंने “पार्थ दा जिंदाबाद” के नारे लगाए और उनका स्वागत किया।

चटर्जी कभी तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते थे। अब उनकी रिहाई के बाद यह मामला एक बार फिर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
यह देखना बाकी है कि इस बहुचर्चित घोटाले की जांच और न्यायिक प्रक्रिया आगे किस दिशा में बढ़ती है।

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