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पीजीआई डॉक्टर को अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक: भारत में पहली बार मिली यह प्रतिष्ठित उपलब्धि

प्रो. विशाली गुप्ता पहली भारत-प्रशिक्षित डॉक्टर बनीं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय IUSG गोल्ड मेडल मिलेगा। यह सम्मान भारत में उनके शोध और प्रशिक्षण कार्य की अंतरराष्ट्रीय मान्यता दर्शाता है।

पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ की प्रोफेसर विशाली गुप्ता ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित इंटरनेशनल यूवाइटिस स्टडी ग्रुप (IUSG) गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारत-प्रशिक्षित और भारत में कार्यरत चिकित्सक बनकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नेत्रसूजन (ocular inflammation) के क्षेत्र में यह पुरस्कार विश्व के सर्वोच्च सम्मानों में से एक माना जाता है।

यह सम्मान हर चार वर्षों में एक बार वैश्विक मतदान प्रक्रिया के माध्यम से चयनित विशेषज्ञ को दिया जाता है। प्रोफेसर गुप्ता को यह पदक जुलाई 2026 में जर्मनी के ट्यूबिंगन में होने वाली IUSG बैठक के दौरान प्रदान किया जाएगा। यह न केवल उनके व्यक्तिगत उत्कृष्ट कार्य का सम्मान है, बल्कि भारत में नेत्र चिकित्सा अनुसंधान की प्रगति और विशेषज्ञता की भी वैश्विक पहचान है।

The Indian Witness से बातचीत में प्रोफेसर गुप्ता ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए इसलिए और खास है क्योंकि यह उनके भारत में किए गए संपूर्ण कार्य का मूल्यांकन और स्वीकार्यता दर्शाता है।

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उन्होंने कहा, “जो कुछ भी मैंने किया—मेरी ट्रेनिंग, मेरा शोध—सब कुछ यहीं भारत में हुआ है। कई लोग मानते हैं कि पहचान पाने के लिए विदेश में प्रशिक्षण लेना जरूरी है, लेकिन मेरे लिए भारत में किए गए काम को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना सबसे सार्थक है।”

उन्होंने इस उपलब्धि को भारत की चिकित्सा और शोध क्षमता के प्रमाण के रूप में बताया और कहा कि यह भावी भारतीय चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के लिए भी प्रेरणादायक कदम है।

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