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प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय और पुस्तकालय का मौखिक इतिहास प्रोजेक्ट: भारत की ऐतिहासिक यात्राओं का साक्षात्कार भंडार

प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय और पुस्तकालय का मौखिक इतिहास प्रोजेक्ट आधुनिक भारत के ऐतिहासिक पड़ावों पर आधारित साक्षात्कारों का एक महत्वपूर्ण भंडार बन गया है।

प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) ने एक ऐसा अनोखा प्रोजेक्ट शुरू किया है, जो भारत के ऐतिहासिक और राजनीतिक विकास की कहानी को साक्षात्कारों के माध्यम से संजो रहा है। इस प्रोजेक्ट का नाम है "मौखिक इतिहास प्रोजेक्ट" (Oral History Project), जिसके तहत भारत के विभिन्न ऐतिहासिक पड़ावों से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों, नीति-निर्माताओं, प्रशासकों, और घटनाओं के साक्षात्कार संग्रहित किए जा रहे हैं।

यह प्रोजेक्ट भारत की स्वतंत्रता के बाद के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन की गहराई को समझने में मदद करता है। इसमें उन लोगों की आवाज़ें शामिल हैं जिन्होंने भारत की नीतियों और निर्णयों को आकार दिया — जैसे पूर्व नौकरशाह, राजनेता, राजनयिक, पत्रकार और शिक्षाविद्।

PMML का मौखिक इतिहास विभाग अब शोधकर्ताओं, इतिहासकारों और विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन केंद्र बन चुका है। यहां मौजूद साक्षात्कारों के ट्रांसक्रिप्ट्स को मैन्यूस्क्रिप्ट सेक्शन के रीडिंग रूम में शोधार्थियों और विद्वानों के परामर्श के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

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यह प्रोजेक्ट न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को दर्ज कर रहा है, बल्कि यह यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि भारत की लोकतांत्रिक यात्रा के अनुभव, विचार और दृष्टिकोण भविष्य की पीढ़ियों तक सुरक्षित रहें।

PMML का उद्देश्य इन साक्षात्कारों के माध्यम से इतिहास को जीवंत रूप में प्रस्तुत करना है, ताकि शोधकर्ता सिर्फ दस्तावेज़ों पर नहीं, बल्कि प्रत्यक्ष अनुभवों और दृष्टिकोणों पर आधारित अध्ययन कर सकें। इस तरह, मौखिक इतिहास प्रोजेक्ट भारत के आधुनिक इतिहास के संरक्षण में एक अहम भूमिका निभा रहा है।

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