राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से किया सम्मानित
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। शिक्षकों को नवाचारी शिक्षण, समर्पण और कठिन परिस्थितियों में छात्रों की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए पहचाना गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशभर के 45 उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इस वार्षिक समारोह में उन शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए असाधारण योगदान दिया है।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों में वे शामिल हैं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी नवाचारी शिक्षण पद्धतियां अपनाई, छात्रों की सीखने की उपलब्धियों को बढ़ाने के लिए प्रयास किए और समाज में शिक्षा को और अधिक सुलभ एवं प्रभावी बनाने में योगदान दिया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक समाज के आधार स्तंभ हैं और उनका योगदान केवल विद्यार्थियों के भविष्य तक सीमित नहीं है, बल्कि वे राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का हस्तांतरण नहीं है, बल्कि यह मूल्य, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना को भी विकसित करती है।
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समारोह में पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों ने साझा किया कि कैसे उन्होंने नई-नई विधियों से छात्रों की रुचि को बढ़ाया और डिजिटल तकनीक, खेलकूद, कला और रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया को और आकर्षक बनाया। कई शिक्षकों ने दूरदराज़ और संसाधन-विहीन क्षेत्रों में भी शिक्षा की नई रोशनी फैलाई।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य शिक्षकों को प्रेरित करना और उनके कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है। यह पहल न केवल उनकी मेहनत और समर्पण का सम्मान करती है, बल्कि अन्य शिक्षकों को भी उत्कृष्टता की ओर अग्रसर होने के लिए प्रोत्साहित करती है।
राष्ट्रपति ने आशा जताई कि यह सम्मानित शिक्षक आने वाले समय में भी शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ स्थापित करेंगे।
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