PUCL महाराष्ट्र ने कैबिनेट द्वारा अनुमोदित श्रम कानून संशोधनों की आलोचना की, कहा पिछड़े हुए
PUCL महाराष्ट्र ने कैबिनेट द्वारा अनुमोदित श्रम कानून संशोधनों की आलोचना की। संगठन ने कहा कि ये 12-घंटे की शिफ्टें वैध करेंगे और संगठित श्रमिक वर्ग को कम करेंगे।
पीयूसीएल (लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता संघ) महाराष्ट्र ने राज्य कैबिनेट द्वारा हाल ही में अनुमोदित श्रम कानून संशोधनों की कड़ी आलोचना की है। संगठन ने कहा कि ये संशोधन कामगारों के अधिकारों के लिए पीछे हटने जैसा कदम हैं और इसे ‘पिछड़े हुए’ बदलाव के रूप में देखा जाना चाहिए।
पीयूसीएल महाराष्ट्र ने विशेष रूप से यह चेतावनी दी कि संशोधन 12 घंटे तक की शिफ्टों को वैध बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जिससे कामगारों पर अत्यधिक शारीरिक और मानसिक दबाव पड़ेगा। उनका कहना है कि लंबे समय तक काम करने की अनुमति देने से श्रमिक स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ेगा।
संगठन ने यह भी कहा कि नए संशोधन संगठित और नियमित कामगारों की संख्या को घटाने का काम करेंगे। कई उद्योगपतियों और नियोक्ताओं द्वारा इसे बहुप्रतीक्षित कदम के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन पीयूसीएल का मानना है कि यह कदम श्रमिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को कमजोर करने वाला है।
और पढ़ें: ठाणे की इमारत में भीषण आग, 29 बिजली मीटर जलकर खाक
पीयूसीएल ने राज्य सरकार से अपील की है कि कामगारों के हितों और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस तरह के संशोधनों पर पुनर्विचार किया जाए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि यह कानून पारित होते हैं, तो इससे श्रमिक आंदोलन और विरोध प्रदर्शन तेज हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के संशोधन भारतीय श्रम नीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत हैं, लेकिन यदि उन्हें कार्यान्वित किया गया तो यह व्यापक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव डाल सकते हैं।