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पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला: बनूर को तहसील का दर्जा, भूमि राजस्व कानून में संशोधन को मंजूरी

पंजाब कैबिनेट ने बनूर को तहसील का दर्जा देने, भूमि राजस्व कानून में संशोधन और ई-सेवाओं को बढ़ावा देने के साथ विशेष शिक्षकों को आयु सीमा में छूट देने को मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने सोमवार (29 दिसंबर 2025) को प्रशासनिक और सुशासन से जुड़े कई अहम सुधारों को मंजूरी दी। इन फैसलों का उद्देश्य आम लोगों को बेहतर सार्वजनिक सेवाएं उपलब्ध कराना और नागरिकों की सुविधा बढ़ाना है।

कैबिनेट ने साहिबजादा अजीत सिंह (एसएएस) नगर जिले में स्थित बनूर उप-तहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा देने को स्वीकृति दी। इसके साथ ही होशियारपुर जिले में हरियाणा (हरियाना) को नई उप-तहसील के रूप में स्थापित करने का फैसला भी किया गया। सरकार का मानना है कि इस कदम से लोगों को प्रशासनिक सेवाओं तक आसान पहुंच मिलेगी और रोजमर्रा के सरकारी कामों के लिए लंबी दूरी तय करने की जरूरत कम होगी।

इसके अलावा कैबिनेट ने पंजाब भूमि राजस्व अधिनियम, 1887 में संशोधनों को भी मंजूरी दी, विशेष रूप से अपील प्रक्रिया से जुड़े प्रावधानों में बदलाव किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इन संशोधनों का मकसद अनावश्यक मुकदमेबाजी को कम करना, वादकारियों का समय बचाना और गैर-वादकारियों को परेशान किए जाने से रोकना है।

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संशोधनों के तहत डिजिटल भूमि अभिलेखों और डिजिटल हस्ताक्षरों को कानूनी मान्यता दी जाएगी। इससे कागज रहित रिकॉर्ड प्रणाली को मजबूती मिलेगी और भूमि प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी। सरकार पहले ही भूमि से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए एक ई-सेवाएं पोर्टल शुरू कर चुकी है।

इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक ‘खांगी तकसीम’ (पारिवारिक बंटवारा) के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। साथ ही भूमि सीमांकन, विवाद निपटारा, भूमि लेनदेन, फसल नुकसान का मुआवजा और जमाबंदी की प्रतियां प्राप्त करने जैसी सेवाओं का लाभ भी ले सकते हैं।

एक अन्य फैसले में राज्य कैबिनेट ने समग्र शिक्षा योजना के तहत कार्यरत संविदा विशेष शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित करने के लिए ऊपरी आयु सीमा में एक बार की छूट देने को मंजूरी दी। अधिकारियों ने बताया कि इससे विशेष जरूरतों वाले बच्चों की समावेशी शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित होगी और राज्य के खजाने पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।

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