×
 

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब की जमीन पूलिंग नीति में खामियां बताई, जल्दबाजी में अधिसूचित होने का आरोप

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब की भूमि पूलिंग नीति-2025 को जल्दबाजी में अधिसूचित बताया, सामाजिक-पर्यावरणीय आकलन, शिकायत तंत्र और समय सीमाओं की कमी पर चिंता जताई।

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार की विवादित भूमि पूलिंग नीति-2025 पर कड़ी टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने कहा है कि यह नीति प्रतीत होता है कि जल्दबाजी में अधिसूचित की गई है। न्यायालय ने इस नीति में सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन, शिकायत निवारण तंत्र, समय सीमाओं जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की कमी पर चिंता जताई है।

हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सरकार को भूमि पूलिंग नीति को अधिसूचित करने से पहले सभी संबंधित मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करना चाहिए था। विशेष रूप से, सामाजिक और पर्यावरणीय आकलन आवश्यक हैं ताकि भूमि मालिकों और प्रभावित समुदायों के हितों की रक्षा हो सके।

कोर्ट ने यह भी कहा कि नीति में स्पष्ट समय सीमाएं और शिकायत निवारण तंत्र होना आवश्यक है, ताकि भूमि पूलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। इन व्यवस्थाओं के बिना, नीति के लागू होने से विवाद और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

और पढ़ें: बिजली एक सार्वजनिक वस्तु, राजनीतिक दबाव से मुक्त होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

समीक्षा के दौरान अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि नीति के जल्दबाजी में अधिसूचन से प्रभावित पक्षों के हितों की अनदेखी हो सकती है, जिससे सामाजिक अस्थिरता और पर्यावरणीय क्षति के खतरे बढ़ सकते हैं।

पंजाब सरकार ने इस नीति के माध्यम से कृषि भूमि को शहरीकरण के लिए एकीकृत करने का प्रयास किया है, लेकिन इस कदम पर कोर्ट की यह टिप्पणी नीति के भविष्य पर सवाल खड़े करती है।

विभिन्न सामाजिक संगठनों और भूमि मालिकों ने भी इस नीति के विरोध में आवाज उठाई है और नीति में सुधार की मांग की है।

और पढ़ें: भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता जल्द घोषित होने की संभावना: अधिकारी

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share