26 नवंबर को पंजाब में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शनों की तैयारी, कई क्षेत्रों में आंदोलन की घोषणा
26 नवंबर को पंजाब में किसान, पावर इंजीनियर्स और छात्रों सहित कई समूह बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। चंडीगढ़ और दिल्ली में यातायात व सेवाओं पर व्यापक असर पड़ सकता है।
पंजाब, चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए 26 नवंबर इस वर्ष का सबसे उथल-पुथल भरा दिन साबित हो सकता है, क्योंकि कई संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, बंद और राज्यव्यापी आंदोलनों की घोषणा की है। इस दिन को विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक साझा ‘फ्लैशपॉइंट’ माना जा रहा है, जहां लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर अलग-अलग समूह सड़क पर उतरने वाले हैं।
सबसे बड़े आंदोलनों में से एक किसानों का है। पंजाब के किसान अपने ऐतिहासिक किसान आंदोलन की पांचवीं वर्षगांठ चिह्नित करते हुए चंडीगढ़ की ओर मार्च करने की योजना बना रहे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि उनकी कई मांगें अब भी अधूरी हैं, जिनमें एमएसपी को कानूनी दर्जा देने से लेकर फसल के दाम और कृषि नीतियों से जुड़े सुधार शामिल हैं। किसान संगठनों ने कहा है कि वे शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावी तरीके से अपनी मांगों को सरकार के सामने रखने के लिए राजधानी क्षेत्र की ओर बढ़ेंगे।
दूसरी ओर, पावर इंजीनियर्स ने भी अगले सप्ताह से राज्यभर में आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि बिजली क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है, जिनमें सुरक्षा, नियुक्तियों और कार्य स्थितियों से जुड़े सवाल शामिल हैं। 26 नवंबर को उनके प्रदर्शन से राज्य में बिजली सेवाओं पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
इसी दिन पंजाब विश्वविद्यालय भी बंद रहने की संभावना है, क्योंकि छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय की विभिन्न नीतियों और प्रशासनिक फैसलों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है। इससे चंडीगढ़ में शैक्षणिक गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा।
इन सभी आंदोलनों के एक साथ होने से 26 नवंबर को पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में यातायात, प्रशासनिक सेवाओं और जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ने की आशंका है। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और स्थिति को नियंत्रण में रखने की तैयारी शुरू कर दी है।
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