केंद्र के कदम वापस लेने के बाद भी पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र बोले — संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सीनेट चुनाव की घोषणा नहीं होती
केंद्र द्वारा अधिसूचना वापस लेने के बावजूद पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक संगठनों ने कहा कि संघर्ष सीनेट चुनावों की आधिकारिक घोषणा तक जारी रहेगा।
केंद्र सरकार द्वारा पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट और सिंडिकेट की संरचना और संविधान में बदलाव से संबंधित अधिसूचना वापस लेने के बाद भी छात्र और अध्यापक संगठनों ने अपना आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सीनेट चुनाव की आधिकारिक घोषणा नहीं की जाती।
दरअसल, केंद्र सरकार ने दो दिन पहले पंजाब विश्वविद्यालय की प्रशासनिक संरचना में बदलाव संबंधी अधिसूचना जारी की थी, जिससे छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारी संगठनों में विरोध की लहर दौड़ गई थी। उनका कहना था कि यह कदम विश्वविद्यालय की स्वायत्तता (autonomy) और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला है।
शुक्रवार को केंद्र ने अचानक यह अधिसूचना वापस ले ली, जिसे छात्र संगठनों और शिक्षकों ने “जनदबाव की जीत” बताया। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि यह केवल “आंशिक जीत” है और वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक विश्वविद्यालय सीनेट चुनावों की तारीखों की आधिकारिक घोषणा नहीं करता।
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छात्र संगठनों ने कहा कि सीनेट और सिंडिकेट विश्वविद्यालय की लोकतांत्रिक आत्मा हैं, और इन्हें कमजोर करने की किसी भी कोशिश का विरोध किया जाएगा। फैकल्टी यूनियन ने भी मांग की कि चुनाव प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए ताकि विश्वविद्यालय का प्रशासनिक संतुलन और पारदर्शिता बनी रहे।
यह विवाद उस समय गहराया जब केंद्र ने संविधान में बदलाव कर विश्वविद्यालय के संचालन में अधिक नियंत्रण की कोशिश की थी। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन सीनेट चुनाव की तारीख कब घोषित करता है।
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