राहुल गांधी पर वोट चोरी आरोप: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी ने चुनाव आयोग को दी नसीहत
पूर्व सीईसी एस.वाई. कुरैशी ने कहा कि राहुल गांधी के वोट चोरी आरोप पर चुनाव आयोग को जांच करानी चाहिए थी, केवल कड़ी प्रतिक्रिया देना उचित नहीं था।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) एस.वाई. कुरैशी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) की प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए "वोट चोरी" के आरोपों पर आयोग को जांच का आदेश देना चाहिए था, न कि केवल बयानबाज़ी करके प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी।
कुरैशी ने कहा कि चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्थान की ज़िम्मेदारी है कि वह राजनीतिक आरोपों पर संतुलित और पारदर्शी तरीके से कार्रवाई करे। “अगर किसी राजनीतिक दल या नेता ने गंभीर आरोप लगाया है, तो आयोग को तत्परता से तथ्य-जांच कर जनता को भरोसा दिलाना चाहिए। केवल कड़ी प्रतिक्रिया देने से स्थिति और जटिल हो जाती है”।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि चुनाव आयोग का दायित्व केवल मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि पूरी प्रक्रिया पर किसी प्रकार का संदेह न रहे। उनके अनुसार, बिहार में चल रहे विशेष पुनरीक्षण अभियान में कई खामियाँ सामने आई हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।
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कुरैशी ने यह भी कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा बेहद गंभीर है क्योंकि यह लोकतंत्र की जड़ों से जुड़ा हुआ है। यदि मतदाता का नाम सूची से गायब हो जाता है या किसी तरह की अनियमितता होती है, तो इसका सीधा असर चुनाव की निष्पक्षता पर पड़ता है।
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वे आयोग के साथ सहयोग करें और प्रक्रिया को मजबूत बनाने में मदद करें, ताकि आम जनता का चुनावी तंत्र पर विश्वास बना रहे।
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