ग्रेट निकोबार परियोजना में एफआरए उल्लंघन को लेकर राहुल गांधी ने आदिवासी मामलों के मंत्री को लिखा पत्र
राहुल गांधी ने ग्रेट निकोबार परियोजना में एफआरए उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए आदिवासी मामलों के मंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनजातियों से उचित परामर्श नहीं लिया गया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ग्रेट निकोबार परियोजना में कथित तौर पर वन अधिकार अधिनियम (FRA) के उल्लंघन को लेकर केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस परियोजना से संबंधित मंजूरियों के दौरान स्थानीय आदिवासी समुदायों—निकोबारी और शॉम्पेन—से सही तरीके से परामर्श नहीं लिया गया।
राहुल गांधी ने कहा कि लिटिल निकोबार और ग्रेट निकोबार की जनजातीय परिषद ने उनका ध्यान इस ओर दिलाया है कि परियोजना की प्रक्रिया में एफआरए के प्रावधानों की अनदेखी की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी विकास परियोजना में आदिवासियों के अधिकारों और उनकी सहमति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
गांधी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि शॉम्पेन जैसे जनजातीय समूह दुनिया की सबसे संवेदनशील और विलुप्तप्राय समुदायों में गिने जाते हैं। इसलिए इनके अधिकारों की रक्षा करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सरकार से अपील की कि परियोजना से पहले सभी आवश्यक परामर्श प्रक्रिया को पूरा किया जाए और जनजातीय समुदायों की राय को शामिल किया जाए।
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ग्रेट निकोबार परियोजना, जिसे रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, में बंदरगाह, एयरपोर्ट और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास का प्रावधान है। लेकिन पर्यावरणविदों और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह परियोजना स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र और जनजातीय जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
राहुल गांधी का यह कदम आदिवासी अधिकारों की रक्षा को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है।
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