सार्वजनिक संस्थानों को कमजोर करने की गहरी साजिश भारत के भविष्य के लिए घातक: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार PSUs को जानबूझकर घाटे में डालकर निजी कंपनियों को सौंपने की साजिश कर रही है। उन्होंने BIBCOL कर्मचारियों की वेतन समस्या को गंभीर बताते हुए चेतावनी दी।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार
(11 दिसंबर 2025) को केंद्र की एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) को व्यवस्थित तरीके से कमजोर किया जा रहा है और उनकी संपत्तियों को “पूंजीपति मित्रों” को मुफ्त या औने-पौने दामों पर सौंपने की साजिश गहरी है। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों को खत्म करने का यह प्रयास भारत के भविष्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
राहुल गांधी ने अपने संसद कार्यालय में भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BIBCOL) के कर्मचारियों से हुई बातचीत का एक वीडियो साझा किया। उन्होंने बताया कि इस सरकारी बायोटेक कंपनी के कर्मचारी लंबे समय से वेतन नहीं पा रहे हैं और उनकी जिंदगी कर्ज व उधार पर निर्भर हो गई है।
उन्होंने कहा कि BIBCOL, जो भारत की एकमात्र सरकारी वैक्सीन निर्माता कंपनी है और जिसने पोलियो जैसी बीमारियों के उन्मूलन में ऐतिहासिक भूमिका निभाई, 2017 तक लाभ में थी। लेकिन इसे “जानबूझकर घाटे में धकेला गया” ताकि निजी कंपनियों को सरकारी ठेके दिए जा सकें और महंगी वैक्सीन बेचकर वे भारी मुनाफा कमा सकें।
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राहुल गांधी ने दावा किया कि कंपनी की बुलंदशहर स्थित कीमती जमीन—विशेषकर जेवर एयरपोर्ट की घोषणा के बाद—निजी हितों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है ताकि भविष्य में BIBCOL को घाटे का हवाला देकर बंद कर दिया जाए और इसकी संपत्तियाँ पूंजीपतियों को लगभग मुफ्त में दी जा सकें।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की दयनीय आर्थिक स्थिति सरकार के संज्ञान में लाई गई है और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि लंबित वेतन और बकाया जल्द जारी किए जाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकारी संस्थानों का दमन और निजीकरण एनडीए सरकार की “सबसे बड़ी भूल” है और यह भारत की आर्थिक व सामाजिक संरचना को दीर्घकालिक रूप से नुकसान पहुंचाएगा।
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