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राजस्थान में पंचायत चुनावों में देरी, सुप्रीम कोर्ट और संविधान के आदेशों का उल्लंघन: अशोक गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार पंचायत और शहरी निकाय चुनावों में देरी कर सुप्रीम कोर्ट और संविधान का उल्लंघन कर रही है, जिससे स्थानीय शासन ठप हो गया है।

कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने रविवार (26 अक्टूबर, 2025) को कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार पंचायत राज संस्थाओं (PRI) और शहरी स्थानीय निकायों (ULB) के चुनावों में देरी करके सुप्रीम कोर्ट और संविधान के आदेशों की अवहेलना कर रही है।

वीडियो बयान में पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पंचायत राज और शहरी स्थानीय निकायों का संचालन लगभग ठप हो गया है, और भाजपा चुनावों से डर के कारण इन्हें टाल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जबकि ULB और PRI की अवधि समाप्त हो चुकी है, राज्य सरकार ने चुनाव कराने के बजाय प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं, जो संविधान का “प्रत्यक्ष उल्लंघन” है।

गहलोत ने संविधान के अनुच्छेद 243-ई और 243-यू का हवाला देते हुए कहा कि इन संस्थाओं के चुनाव हर पांच साल में अनिवार्य हैं और उनकी अवधि इस समय से अधिक नहीं हो सकती। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का भी जिक्र किया, जो हर पांच साल में पंचायत चुनाव कराने की अनिवार्यता तय करते हैं।

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कांग्रेस नेता ने सरकार के इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए हानिकारक है और इन संस्थाओं के मूल उद्देश्य — जमीनी नेतृत्व का निर्माण — को कमजोर करता है।

राजस्थान में पिछली ULB चुनाव नवंबर 2019 में और PRI चुनाव जनवरी 2020 में हुए थे। तब से अब तक चुनाव नहीं कराए जाने से स्थानीय शासन व्यवस्था प्रभावित हुई है और लोगों को लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है।

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