प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार का निधन: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि
प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार के निधन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों ने श्रद्धांजलि दी, उनकी कला को भारतीय मूर्तिकला की अमूल्य धरोहर बताया।
प्रसिद्ध मूर्तिकार और पद्मश्री से सम्मानित राम सुतार के निधन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। राम सुतार का बुधवार देर रात (17 दिसंबर 2025) नोएडा स्थित उनके आवास पर 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन को भारतीय मूर्तिकला के क्षेत्र में एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने शोक संदेश में कहा कि राम सुतार की कृतियां आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रहेंगी और उनकी मूर्तियों को देखने मात्र से ही उनकी स्मृति ताजा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सुतार की रचनाएं अपने संतुलित अनुपात और जीवंत अभिव्यक्ति के कारण विशिष्ट पहचान रखती हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी याद किया कि हाल ही में उन्होंने नई दिल्ली में राम सुतार के आवास पर जाकर उन्हें महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। उस अवसर पर जब शतायु कलाकार ने सम्मान स्वीकार करते समय “महाराष्ट्र माझा” गीत की पंक्तियां सुनाईं, तो वह क्षण अत्यंत भावुक बन गया था।
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राम सुतार को सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के सेल्युलर जेल में स्थापित विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा जैसे भव्य स्मारकों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि 100 वर्ष की उम्र में भी वे मुंबई के इंदु मिल में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक से जुड़े कार्यों में सक्रिय थे।
मुख्यमंत्री ने राम सुतार के पुत्र अनिल सुतार से फोन पर बात कर शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राम सुतार के निधन को भारतीय मूर्तिकला के स्वर्णिम युग का अंत बताते हुए उन्हें “मूर्तिकला जगत का कोहिनूर” कहा। वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उन्हें मूर्तिकला का “भीष्माचार्य” बताते हुए कहा कि भारतीय स्मारक कला को वैश्विक पहचान दिलाने में उनका योगदान अतुलनीय है।