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जम्मू बीजेपी विधायक के हस्तक्षेप से अटका रैटल जलविद्युत परियोजना का काम: निर्माण कंपनी का आरोप

रैटल जलविद्युत परियोजना को लेकर एमईआईएल ने जम्मू बीजेपी विधायक पर हस्तक्षेप का आरोप लगाया, जिससे 850 मेगावाट की परियोजना दो साल देरी का शिकार हो गई है।

हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के एक शीर्ष अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में निर्माणाधीन रैटल जलविद्युत परियोजना में स्थानीय बीजेपी विधायक के कथित हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। कंपनी ने चेतावनी दी है कि यदि इस तरह की रुकावटें जारी रहीं तो वह 850 मेगावाट क्षमता वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना से हटने पर भी विचार कर सकती है।

एमईआईएल के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) और रैटल हाइडल पावर प्रोजेक्ट के प्रभारी हरपाल सिंह ने कहा कि यह परियोजना सितंबर 2026 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब इसमें लगभग दो साल की देरी हो चुकी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 3,700 करोड़ रुपये है। हरपाल सिंह के अनुसार, देरी का मुख्य कारण बीजेपी विधायक शगुन परिहार की ओर से किया जा रहा कथित हस्तक्षेप और बार-बार होने वाली बाधाएं हैं।

हरपाल सिंह ने आरोप लगाया कि विधायक शगुन परिहार परियोजना में “अपने लोगों” को नौकरी पर रखने का दबाव बना रही हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के दबाव और स्थानीय स्तर पर होने वाले व्यवधानों के कारण निर्माण कार्य सुचारु रूप से आगे नहीं बढ़ पा रहा है, जिससे समयसीमा और लागत दोनों प्रभावित हो रही हैं।

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हालांकि, इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक शगुन परिहार ने कंपनी के अधिकारी के दावों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि कंपनी परियोजना में आत्मसमर्पण कर चुके उग्रवादियों को नौकरियां दे रही है, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष फैल रहा है।

इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच रैटल जलविद्युत परियोजना का भविष्य अनिश्चित होता नजर आ रहा है। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास के लिए भी अहम मानी जा रही है।

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