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पढ़ना बनाता है इंसान को बेहतर

डिजिटल युग में भी पढ़ने का महत्व कम नहीं हुआ है। किताबें न केवल ज्ञान बढ़ाती हैं बल्कि मन को सुकून और जीवन को गहराई से समझने का अवसर देती हैं।

आज के डिजिटल युग में, जहां स्मार्टफोन, सोशल मीडिया और त्वरित जानकारी हर जगह उपलब्ध है, फिर भी पढ़ने का महत्व कहीं कम नहीं हुआ है। किताबें, पत्रिकाएं या अन्य साहित्यिक सामग्री पढ़ना न केवल समय बिताने का माध्यम है, बल्कि यह मनुष्य को गहराई से सोचने, समझने और आत्ममंथन करने का अवसर देता है।

तेज़ रफ्तार डिजिटल कंटेंट जहां हमें त्वरित मनोरंजन और जानकारी देता है, वहीं किताबें हमें एक गहन और अर्थपूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। पढ़ना हमारे मस्तिष्क को उत्तेजित करता है, हमारी कल्पनाशक्ति को विस्तार देता है और हमारी भावनाओं को समृद्ध बनाता है। यह केवल शब्दों को पढ़ना नहीं, बल्कि विचारों, भावनाओं और अनुभवों की यात्रा है।

मेरे लिए पढ़ना हमेशा से एक आदत से बढ़कर जीवन जीने का तरीका रहा है, खासकर स्कूल के दिनों में। उस समय, किताबें मेरा सबसे बड़ा सहारा और साथी थीं। वे मुझे नई दुनियाओं में ले जातीं, नए विचारों से परिचित करातीं और जीवन के कई सबक सिखातीं।

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पढ़ना हमें धैर्य सिखाता है, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है और मानसिक शांति देता है। इसके अलावा, यह हमारी भाषा, शब्दावली और अभिव्यक्ति की क्षमता को भी मजबूत करता है।

आज भी, चाहे तकनीक कितनी भी आगे बढ़ जाए, एक अच्छी किताब के पन्नों में खो जाने का आनंद अद्वितीय है। यह हमें न केवल बेहतर इंसान बनाता है बल्कि हमारे दृष्टिकोण को भी व्यापक करता है। इसलिए, चाहे जीवन कितना भी व्यस्त क्यों न हो, पढ़ने के लिए समय जरूर निकालना चाहिए

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